फ़ुलवा

उसका पति धीरू दो बरस पहले शहर कमाने चला गया। गौने…

बीच रात की बात-2

मैंने कच्छे के ऊपर से ही उसके लण्ड पर हाथ रखा… ओह्ह्ह…

शाकाल और नंगी हसीनाएँ-3

सोफे पर बैठ कर हम लोग दोनों का नाच देखने लगे। दो …

मेरे दोस्त की बीवी-4

प्रेषक : नवीन सिंह मैंने रात को ही रचित को फोन किय…

हेड गर्ल बनने के लिए-1

सभी को इस निधि राण्ड की तरफ से दिल से, दिमाग से हर…

चरित्र बदलाव-8

अन्तर्वासना के पाठकों को एक बार फिर से मेरा प्यार और…

मेरे दोस्त की बीवी-2

प्रेषक : नवीन सिंह भाभी भी बोली- क्या बात कर रहे हो…

अच्छे से करो ना !-2

प्रेषक : आयु राजा अन्तर्वासना के सभी पाठकों को आयु र…

हीरल

प्रेषक : जीत मेरा नाम जीत है, अहमदाबाद का रहने वाल…