मेरे दफ़्तर की अर्चना
दोस्तो, मेरा नाम राज है, मैं अन्तर्वासना का नियमित प…
अठरह की उम्र में लगा चस्का-1
दोस्तो, मैं हूँ निशा, उम्र अभी सिर्फ इकीस साल की है …
कम्मो बदनाम हुई-2
प्रेषक : प्रेम गुरु कितना आनंददायक पल था। आह….. मेर…
किरायेदार-3
सुरेखा की तरफ देखती हुई नर्स बोली- तू भी अपनी चूत …
जुरमाना क्या दोगे
प्रेषक : चन्दन मेरा नाम चन्दन है, हरियाणा का रहने वा…
अंगूर का दाना-2
प्रेम गुरु की कलम से मेरे पाठको और पाठिकाओ! आप जरू…
लण्ड की प्यासी-3
प्रेषक : सुनील कश्यप मुझे महसूस हुआ कि वह अब झड़ने व…
किरायेदार-6
लेखिका : उषा मस्तानी दो दिन बाद सुबह नल चलने की आव…
छुपाए नहीं छुपते-2
प्रेषक : कुमार बोसोन उसने मेरा लिंग अपने हाथों में…
मेरी मुनिया उसका पप्पू-2
लेखक : जीत शर्मा वो अचानक बेड से उठा और कमरे से बा…