मेरा गुप्त जीवन- 19

बिंदू और फुलवा का आपस का प्रेमालाप देख कर मन बड़ा व…

तुझ को भुला ना पाऊँगा -2

मैंने कहा- जान मोहब्बत सिर्फ़ हासिल करने का नाम नहीं…

धोबी घाट पर माँ और मैं -8

ज़लगाँव बॉय मेरा लौड़ा अब पूरी तरह से उसके थूक से भ…

पकड़म पकड़ाई.. फिर चूत चुदाई

हैलो मेरा नाम ऋतेश है। मैं भोपाल का रहने वाला हूँ…

मेरा गुप्त जीवन- 17

यह प्रसंग कोई 10 मिन्ट तक चला और तब तक बिंदू की झिझ…

विधवा चाची की चूत की अगन -2

अब तक आपने पढ़ा.. हम लोग खुले में सोते थे तो बाकी …

बहन का लौड़ा -64

अभी तक आपने पढ़ा.. रोमा ने अपने दिल का हाल टीना को…

बहन का लौड़ा -35

अब तक आपने पढ़ा.. ममता- आह.. आईईइ.. राजा जी.. आह ग…

मम्मी पापा इतनी रात में करते क्या हैं -1

अन्तर्वासना के पाठकों को मेरा नमस्कार मैंने कई एडल्ट …