मसाज़ सेन्टर में गाण्ड मरवाई
प्रेषक : पार्थ नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम पार्थ है, मेरा…
काशीरा-लैला -5
चुम्मा तोड़ कर मैंने पूछा “कैसी लगी मेरी गांड चचाजी…
माशूका की सहेली
मैं अन्तर्वासना का बहुत पुराना पाठक हूँ, मैंने बहुत…
मेरी प्यारी कान्ता चाची
प्रेषक : आर्यन सिंह मेरे प्यारे दोस्तो, आज मैं आपको अ…
नानाजी का प्यार-2
प्रेषिका : पायल सिंह तब नानाजी ने अपने धोती में से…
एक विचित्र चुदाई
मैंने शायद अपनी किसी कहानी में जिक्र किया भी है कि…
पहला आनन्दमयी एहसास -3
अन्तर्वासना के सभी पाठकों का एक बार फिर से मेरा तहे…
काशीरा-लैला -2
‘दुआ से काम नहीं चलेगा चचाजी। इमरान को माल चाहिये…
निशा का नशा
प्रेषक : संजू बाबा अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा…
काशीरा-लैला -1
चचाजान का खत आया कि वो तीन चार दिन के लिये हमारे …