मासूम यौवना-8

लेखिका : कमला भट्टी जीजाजी को अपनी उखड़ी सांसें सही…

स्वयंवर का सच-2

लेखक : प्रेम गुरु और अरमान मैंने झट से अपने कपड़े उ…

Behen Ki Khun Wali Chut – 2

hello frndz me lucky ye meri dusari kahani hai ye…

मासूम यौवना-4

मासूम यौवना-3 से आगे : रात के ग्यारह बज गए थे, जीज…

मासूम यौवना-5

जिसने कभी किसी पर-पुरुष को देखा नहीं, उसने 2010 ज…

मासूम यौवना-15

जीजाजी पेट से जांघें, पिण्डली चूमते-चूमते सीधे मेर…

स्वयंवर का सच-1

लेखक : प्रेम गुरु और अरमान मैं जानता था कि यह राखी…

मासूम यौवना-10

पिछली किश्त यानि मासूम यौवना-9 में आपने मेरे जीजाज…

महकती कविता-2

महकती कविता-1 अब तो कविता का भी यह रोज का काम हो…