शाकाल और नंगी हसीनाएँ-4

काउंटर पर बहुत भीड़ थी, अभी शो शुरू नहीं हुआ था। न…

श्रेया के साथ-1

मैं अन्तर्वासना डॉट कॉम का बहुत ही पुराना पाठक हूँ।…

राहुल और नन्दिनी

दोस्तो, जैसा कि आपने मेरी कहानी मेरा दोस्त और उसकी …

मौलिका की कहानी

यह कहानी नहीं, सच है लेकिन कहानी के रूप में ! यह …

मौज़ की कमाई

लेखक : अमित अन्तर्वासना के पाठकों और मेरी प्यारी चूत…

एक के साथ दूसरी मुफ़्त-1

प्रेषक : संजय शर्मा दोस्तो, मेरी कहानियों को पढ़ कर आ…

चाहत का इन्तज़ार

हमारे गाँव में पवन के पिताजी की करियाने की दुकान …

फिर आयुषी

दोस्तो, शायद आपको आयुषी शर्मा याद होगी ! भूल गए ना?…

नॉटी !

‘‘पिता जी !’’ उसके मुख से शब्द निकल ही नहीं रहे थे…

अभी ना जाओ चोद के !-1

मैं चाहती थी कि वो पहले मुझे चूमे चाटे और मेरे शर…