मेरी चालू बीवी-75
सम्पादक – इमरान सुबह की हल्की रोशनी चारों और फैलनी …
गदराई लंगड़ी घोड़ी-4
बबिता ने फिर से अपने दोनों हाथ अपने घुटनों पर रख …
मेरी प्यारी चारू –1
सर्वप्रथम अन्तर्वासना के पाठकों को मेरा कोटि-कोटि प्रण…
मेरी चालू बीवी-83
सम्पादक – इमरान अपने ख्यालों में खोया हुआ मैं ऑफिस …
रात के ग्यारह बजे
मेरे प्रिय अन्तर्वासना के पाठको, कृपया मेरा अभिनन्दन …
गेटपास का रहस्य-6
दीप ने मुझसे कहा- भाई आप ऊपर वाले कमरे में चले जा…
दो यादगार चूतें-2
लेखक : रवि लोरिया बोली- जीजू पिशाब नहीं पिलाओगे क्…
मेरी चालू बीवी-10
इमरान पहले भी ना जाने कितनी बात सलोनी घर में नंगी…
प्यासी चूत प्यासा लण्ड
मेरा नाम आलम है, मैं अलीगढ़ का रहने वाला हूँ, आपको…
मेरी चालू बीवी-74
सम्पादक – इमरान सोचा था पूरी रात खूब मस्ती करेंगे..…