दिल्ली से चण्डीगढ़

मैं जीत शर्मा फिर से आपके सामने एक कहानी ले कर आया…

जरा ठीक से बैठो-3

प्रेषक : हरेश जोगनी बड़ा अजीब नज़ारा था, दो गेंद जो …

सोनू से ननदोई तक-5

जैसे कि मैंने अन्तर्वासना पर पिछले भाग में बताया : …

जरा ठीक से बैठो-1

प्रिय पाठको, हरेश जी का एक बार फ़िर नमस्कार ! आपने म…

जवानी का पहला खेल

दोस्तो, आज आपको मैं अपनी एक बड़ी पुरानी कहानी सुनान…

सब कुछ करना होता है !

प्रेषक : हॉट बॉय नमस्कार, मैं अन्तर्वासना को साल भर स…

लड़की से औरत बनी-3

मेरे प्रिय चाहने वालो, मैं अपनी पिछली कहानी लड़की स…

जरा ठीक से बैठो-2

प्रेषक : हरेश जोगनी हम दोनों थक चुके थे उस स्थिति म…

सपनों की काम-क्रीड़ा

प्रेषक : जयेश नमस्कार मित्रों ! मैं आपका जयेश फ़िर से…

मेरा पहला साण्ड-6

गाण्ड मरवाने का चाव-2 जूही परमार वो मेरे लिए जूस ल…