मेरा पहला साण्ड-6

गाण्ड मरवाने का चाव-2 जूही परमार वो मेरे लिए जूस ल…

जरा ठीक से बैठो-1

प्रिय पाठको, हरेश जी का एक बार फ़िर नमस्कार ! आपने म…

दिल्ली से चण्डीगढ़

मैं जीत शर्मा फिर से आपके सामने एक कहानी ले कर आया…

जरा ठीक से बैठो-2

प्रेषक : हरेश जोगनी हम दोनों थक चुके थे उस स्थिति म…

सपनों की काम-क्रीड़ा

प्रेषक : जयेश नमस्कार मित्रों ! मैं आपका जयेश फ़िर से…

किस्सा एक चुदाई का

पहले गाण्ड पे काट लिया हमने फिर फुद्दी को चाट लिया …

दीदी का दूध पियोगे?

दोस्तो, आज मैं आपको अपने दोस्त स्मिता की कहानी बताने…

चेतना की सील तोड़ी

प्रणाम पाठको, आपका अपना शिमत वापिस आ गया है अपनी न…

घर की सुख शांति के लिये पापा के परस्त्रीगमन का उत्तराधिकारी बना-5

मैं आंटी के पीछे पीछे बाहर जा कर उनसे कहा- मुझे म…

लड़की से औरत बनी-3

मेरे प्रिय चाहने वालो, मैं अपनी पिछली कहानी लड़की स…