मेरे चोदू समधी जी
मेरा नाम कविता मिश्रा है, मैं 42 साल की हूँ. मैं ब…
दिल का क्या कुसूर-1
वैसे तो संजय से मेरा रोज ही सोने से पहले एकाकार ह…
मेरी बीवी और सलहज
प्रेषक : कर्ण ठक्कर मैं अपने बीवी से सन्तुष्ट हूँ और व…
दिल का क्या कुसूर-2
संजय मेरे ऊपर आकर लगातार धक्के लगा रहे थे… अब मेर…
दिल का क्या कुसूर-9
मुझे लगा कि इस बार मैं पहले शहीद हो गई हूँ। अरूण …
दिल का क्या कुसूर-3
दोनों लड़कियाँ आपस में एक दूसरे से अपनी योनि रगड़ र…
दिल का क्या कुसूर-6
अरूण मेरे बिल्कुल नजदीक आ गये। मेरी सांस धौंकनी क…
दिल का क्या कुसूर-7
उन्होंने अपने हाथ से मेरी ठोड़ी को पकड़ कर ऊपर किया…
दिल का क्या कुसूर-4
मुझे पुरूष देह की आवश्यकता महसूस होने लगी थी। काश…
दिल का क्या कुसूर-5
आखिर इंतजार की घड़ी समाप्त हुई और बुधवार भी आ ही ग…