दिल का क्‍या कुसूर-8

तभी अचानक मुझे अपने अन्‍दर झरना सा चलता महसूस हुआ।…

दिल का क्‍या कुसूर-5

आखिर इंतजार की घड़ी समाप्‍त हुई और बुधवार भी आ ही ग…

दिल का क्‍या कुसूर-4

मुझे पुरूष देह की आवश्‍यकता महसूस होने लगी थी। काश…

भईया भाभी का साथ -1

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार ! आप सबने …

तहकीकात में चुदाई

प्रेषक : एमिनेम एमिनेसटी दोस्तो, हर कोई चाहता है कि…

भईया भाभी का साथ -2

भाभी कहने लगी- रोमा, तुम्हारे भईया का लंड बहुत बड़ा…

लिफ़्ट देने के बाद

प्रेषक : स्वप्निल हेलो दोस्तो, मेरा नाम नील है, मैं प…

भईया भाभी का साथ-5

कुछ ही देर बाद बाहर कमरे से आवाजें आने लगी- जोर स…

भईया भाभी का साथ-4

करीब 5 मिनट की चुदाई के बाद भैया के मुँह से भी आअ…

महीने वाली बीमारी

प्रेषक : परिंदा नमस्ते दोस्तो, मैंने अन्तरवासना पर सा…